“गाना गाओ, पर Gangster मत बनाओ—नहीं तो सीधा कानून बजाएगा धुन!”

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने रविवार (23 नवंबर 2025) को पुलिस अधिकारियों को एक साफ और सख्त मैसेज दिया— “जो Singer अपने Music और Videos के जरिए गैंगस्टर लाइफस्टाइल बेचते हैं, उन्हें अपराधी की तरह ट्रीट किया जाए।”

कहने का मतलब— अब “पिस्टल-ताश और गैंगस्टर लुक वाला म्यूजिक वीडियो” सिर्फ YouTube पर नहीं, पुलिस की नजर में भी चलेगा।

Music Industry की ‘गैंगस्टर ब्रांडिंग’ पर रोक

डीजीपी का आरोप था कि कुछ Singers अपने गानों में हथियारों का प्रदर्शन, गैंग वार, खून-खराबा, और अपराधियों की Life को “Cool Lifestyle” की तरह दिखाते हैं। इससे युवाओं में गलत संदेश जाता है और कई youngsters इसी Crime-Culture की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।

“Reels से Crime बनने लगा है तो पुलिस को भी Reels-ready action लेना ही पड़ेगा।”

क्या होगा अब? पुलिस की नई रणनीति

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि ऐसे कलाकारों पर— IPC की धाराएं, आर्म्स एक्ट, और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।

यही नहीं, पुलिस अब— म्यूजिक वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट, और लाइव परफॉर्मेंस को भी स्कैन करेगी।

यानी अगर किसी गाने में पिस्तौल का सीन ज्यादा हो गया, तो सिंगर को कोर्ट में “High Notes” नहीं, “High Charges” सुनने पड़ सकते हैं।

कला vs कानून: बहस भी चालू

संगीत जगत का कहना है— “हम Art बनाते हैं, Crime नहीं।”

लेकिन DGP की दलील— “Art के नाम पर Crime का विज्ञापन नहीं चलेगा।”

Haryana Model: बाकी राज्यों में भी लागू हो सकता है?

क्राइम कंट्रोल में हरियाणा पहले ही कड़े कदमों के लिए जाना जाता है। अब यह Music–Crime crackdown दूसरे राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है। कई लोग कह रहे— “गैंगस्टर रैप के Days numbered हैं, अब आएगा ‘कानून-व्यवस्था’ मिक्सटेप!”

 नतीजा क्या होगा?

अगर पुलिस का एक्शन तेज चला, तो— Crime glamour कम होगा, युवाओं में गलत role models की कमी होगी, और Music industry भी थोड़ा जिम्मेदार बनेगी।

बाकी, हरियाणा की पुलिस ने साफ कर दिया— “Gangster vibes चाहिए तो वीडियो गेम खेलो… गाना बनाना है तो कानून मत तोड़ो।”

आज किसका प्रेम खिलेगा… और किसकी डेट निकलेगी ‘लेट’?

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